नई पुस्तकें >> राहु केतु एवं ग्रहण विचार राहु केतु एवं ग्रहण विचारभोजराज द्विवेदी
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
राहु-केतु के बारे में भ्रमपूर्ण कथाएं, किंवदंतियां यत्र-तत्र-सर्वत्र व्याकप्तप हैं, जिसका सत्याथ सत्यं अंवेषण, वैज्ञानिकी स्पुष्टीककरण आज के युग की मांग है। प्रस्तुवत पुस्त क इन्हीं सभी तथ्योंक को स्पहष्टं कर रही है। सूर्य-चंद्र ग्रहण के समय उत्पन्न जातक, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, प्राकृतिक उत्पा द, भूकंप, जल-प्रकोप, ज्वावलामुखी, उल्काषपात, दिग्दागह, मानवी त्रासदी एवं भारी मात्रा में हो रहे नरसंहार, ये सभी वैज्ञानिकों के अनुसंधान का विषय रहे है। जबकि ज्योीतिष तथ्यों पर आधारित भारतीय ॠषि-मुनियों द्वारा यह अनुसंधान विश्वा वैज्ञानिकों को पर्याप्तो प्रभावोत्पाददक और आश्चयर्यदायक रहा है।
प्रस्तु>त पुस्तऔक में सूर्य-चंद्र ग्रहण पर वृहद विचार किया गया है, जिससे जातक की कुंडली पर अनेकानेक प्रभावों को ज्यो>तिषियों द्वारा फल विचार करने में यह अनमोल ग्रंथ अग्रकण्यच है।
प्रस्तु>त पुस्तऔक में सूर्य-चंद्र ग्रहण पर वृहद विचार किया गया है, जिससे जातक की कुंडली पर अनेकानेक प्रभावों को ज्यो>तिषियों द्वारा फल विचार करने में यह अनमोल ग्रंथ अग्रकण्यच है।
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